Sunday, August 3, 2025
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Omar Abdullah meets PM Modi: पहलगाम हमले के बाद उमर अब्दुल्ला की पीएम मोदी से पहली मुलाकात, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता पर दिया जोर

Omar Abdullah meets PM Modi: पहलगाम हमले के बाद उमर अब्दुल्ला की पीएम मोदी से पहली मुलाकात, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता पर दिया जोर

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद राज्य की सुरक्षा स्थिति को लेकर देशभर में चिंताओं का माहौल है। इसी पृष्ठभूमि में शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 30 मिनट चली, जिसमें राज्य की मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों और पहलगाम हमले के बाद बने हालात पर विस्तार से चर्चा की गई।

नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े सूत्रों के अनुसार, उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और उनकी पार्टी आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार के किसी भी कठोर निर्णय में पूर्ण सहयोग करेगी। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद से सख्ती से निपटने के लिए केंद्र की हर रणनीति का समर्थन किया जाएगा।

यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब पहलगाम में हुए भीषण हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है और सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं। उमर अब्दुल्ला की यह पहल बताती है कि राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर आतंकवाद से निपटने के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एक साझा प्रयास की दिशा में काम किया जा रहा है।

इससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट बयान दे चुके हैं। उन्होंने पहलगाम हमले में मारे गए स्थानीय युवक आदिल हुसैन शाह के घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। आदिल एक पोनी राइड ऑपरेटर थे, जो उस दिन पर्यटकों के साथ थे। फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान कहा कि हमले में शामिल लोग इंसानियत के दुश्मन हैं और उन्हें नरक में जगह मिलेगी।

फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री के निर्णयों पर टिप्पणी करने से परहेज करते हुए स्पष्ट किया कि यह उनका विशेषाधिकार है, लेकिन पाकिस्तान के प्रति नाराज़गी जताते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश को यह समझना होगा कि आतंकवाद के सहारे वह कुछ हासिल नहीं कर सकता। उन्होंने सिंधु जल समझौते की पुनरावृत्ति की भी मांग की, जो दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है।

उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के हालिया धमकी भरे बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसे बयान केवल आग में घी डालने का काम करते हैं। फारूक अब्दुल्ला ने दो टूक कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी से कश्मीर कभी आगे नहीं बढ़ सकेगा।

जम्मू-कश्मीर की स्थिति अब केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है। प्रधानमंत्री और उमर अब्दुल्ला की मुलाकात ने यह संकेत दे दिया है कि आतंक के विरुद्ध एकता और निर्णायक कार्रवाई ही अब प्राथमिकता है। पहलगाम हमले की भयावहता और उससे उपजे जनाक्रोश ने समूचे देश को एकजुट कर दिया है, और अब पूरे देश की निगाहें आने वाले दिनों में केंद्र द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी हैं।

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