Ujjain Road Accident: गूगल मैप के चक्कर में उज्जैन में दर्दनाक हादसा: दिल्ली से आए महाकाल भक्तों की कार दुर्घटनाग्रस्त, एक की मौत, चार गंभीर
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसे ने पांच युवकों की यात्रा को त्रासदी में बदल दिया। दिल्ली से महाकालेश्वर मंदिर और काल भैरव मंदिर के दर्शन के लिए आए पांच दोस्तों की तेज रफ्तार अर्टिगा कार सोमवार, 2 जून को उस समय हादसे का शिकार हो गई जब गूगल मैप के सुझाव पर वे मुख्य हाईवे की बजाय एक वैकल्पिक ग्रामीण रास्ते पर मुड़ गए। हादसे में 22 वर्षीय आर्यन लोहिया की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी चार दोस्त—उज्ज्वल गुप्ता, अर्जुन वशिष्ठ, नचिकेत और मृदुल आर्य—गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, सभी युवक महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती और काल भैरव मंदिर में दर्शन के बाद वापस दिल्ली लौट रहे थे। उन्होंने रास्ते की जानकारी के लिए गूगल मैप का सहारा लिया, लेकिन तकनीकी खामी या गलत रास्ते के सुझाव के चलते मैप ने उन्हें उज्जैन-कोटा हाईवे के बजाय मालीखेड़ी गांव की ओर मोड़ने का निर्देश दिया। इस गांव के मोड़ पर पहुंचते ही कार पहले पुलिस की बेरिकेडिंग से टकराई और फिर अनियंत्रित होकर एक पेड़ से जा टकराई।
टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। आर्यन लोहिया की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य चार घायल अवस्था में कार में फंसे रहे। खेतों में काम कर रहे स्थानीय ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और कार को तोड़कर अंदर फंसे युवकों को बाहर निकाला। घायलों को पहले पाटन के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, और फिर गंभीर हालत के चलते उन्हें उज्जैन जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुए सभी युवक दिल्ली के प्रतिष्ठित परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। मृतक आर्यन लोहिया और घायल युवक उज्ज्वल गुप्ता, अर्जुन वशिष्ठ, नचिकेत और मृदुल आर्य में कोई लॉ की पढ़ाई कर रहा है, तो किसी के पिता डॉक्टर हैं। उज्ज्वल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने गूगल मैप में लोकेशन डाली थी, जिससे उन्हें वैकल्पिक ग्रामीण रास्ता दिखाया गया। मोड़ पर कार अनियंत्रित हुई और उसके बाद उन्हें कुछ भी याद नहीं है, जब होश आया तो अस्पताल में थे।
हादसे की सूचना मिलते ही घट्टिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कार को जब्त कर लिया गया है और दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि गूगल मैप ने जो रास्ता सुझाया वह न केवल संकरा था बल्कि वहां उचित संकेतक भी नहीं थे, जिससे वाहन चालक भ्रमित हो सकते हैं।
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि तकनीकी सहूलियत के बावजूद जब गूगल मैप जैसे नेविगेशन सिस्टम ग्रामीण या कम जानकारी वाले इलाकों में सही मार्गदर्शन नहीं दे पाते तो उसकी जिम्मेदारी किसकी है? क्या तकनीकी कंपनियों को ऐसे मामलों में जवाबदेह ठहराया जा सकता है? यह जांच का विषय है, लेकिन यह घटना परिवारों के लिए कभी न भर पाने वाला घाव छोड़ गई है।