Delhi: दिल्ली के रोहिणी में मरम्मत के दौरान दो मंजिला इमारत गिरने से चार श्रमिक घायल, बड़ी दुर्घटना टली
दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-7 में एक पुरानी दो मंजिला इमारत मरम्मत के दौरान अचानक ढह गई, जिससे वहां काम कर रहे चार श्रमिक मामूली रूप से घायल हो गए। बड़ी राहत की बात यह रही कि हादसे के वक्त इमारत के नीचे सड़क पर कोई मौजूद नहीं था, वरना यह दुर्घटना और भी जानलेवा हो सकती थी। पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया। फिलहाल इस घटना की जांच जारी है, जिसमें इमारत की जर्जर हालत और अवैध निर्माण को कारण माना जा रहा है।
यह हादसा बुधवार शाम रोहिणी सेक्टर-7 के डी-12 साईं बाबा मार्केट में हुआ। यहां एक पुरानी और लगभग 45 वर्ष पुरानी दो मंजिला इमारत में मरम्मत का काम चल रहा था। अचानक पहली और दूसरी मंजिल भरभरा कर नीचे आ गिरी। उस वक्त पहली मंजिल पर काम कर रहे चार से पांच श्रमिक मलबे के नीचे फंस गए थे, लेकिन वे खुद ही सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे। स्थानीय लोगों की मानें तो इमारत का भूतल और पहली मंजिल 1981-84 के बीच आवंटित की गई थी, लेकिन बाद में अवैध तरीके से दूसरी मंजिल भी बनाई गई, जिसकी प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की।
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि सूचना मिलने पर पांच दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी। मलबे ने सड़क को पूरी तरह बाधित कर दिया था, इसलिए नगर निगम की मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम देर रात तक चला। पुलिस, दमकल विभाग, एनडीआरएफ, डीएमए और एमसीडी की टीमों ने संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्य को अंजाम दिया।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पहली मंजिल पर शोरूम बनाने के लिए इमारत की दीवारें हटाई जा रही थीं, इसी दौरान यह दुर्घटना हुई। क्राइम टीम और फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस इमारत के मालिक और ठेकेदार की तलाश कर रही है और आसपास के लोगों और श्रमिकों से पूछताछ कर रही है।
यह भी ज्ञात हुआ कि इस इमारत के आसपास शाम के वक्त लोगों की अच्छी-खासी भीड़ लग जाती है क्योंकि यहां फास्ट फूड की दुकानें हैं। हादसा शाम 4 बजे के करीब हुआ, यदि यह देर शाम या रात के समय होता तो बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंस सकते थे। इस घटना के बाद रोहिणी जोन में ऐसे पुराने और जर्जर मकानों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है ताकि मानसून से पहले ऐसे खतरनाक मकानों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
यह हादसा प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि अवैध निर्माण और कमजोर ढांचे के मुद्दों पर तुरंत ध्यान दिया जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।