PM Modi Meeting: प्रधानमंत्री मोदी से आज शाम मुलाकात करेगा विदेश से लौटा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, कोविड टेस्ट अनिवार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी करेंगे। इस बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत विदेश से लौटे सर्वदलीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मुलाकात करेगा और अपनी यात्रा के अनुभव साझा करेगा। सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग से पहले सभी डेलिगेशन सदस्यों को कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। यह कदम सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उठाया गया है ताकि प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस प्रतिनिधिमंडल की जिम्मेदारी थी कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करे, विशेष रूप से पाकिस्तान में जारी आतंकवाद और भारत की सुरक्षा चिंताओं को लेकर। इस मिशन का उद्देश्य था दुनिया को यह दिखाना कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किस तरह की ठोस रणनीति अपनाए हुए है और वह वैश्विक सहयोग की कितनी आवश्यकता महसूस करता है।
सात प्रमुख सांसदों को इस डेलिगेशन का नेतृत्व सौंपा गया था, जिनमें कांग्रेस के शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडीयू के संजय कुमार झा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे शामिल हैं। यह सभी नेता विश्व के विभिन्न देशों में जाकर भारतीय पक्ष को मजबूती से रखने का प्रयास कर चुके हैं।
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य प्रमुख सांसदों में कांग्रेस के शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका गए ग्रुप के सदस्य झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगुदेशम पार्टी के गंटी हरीश मधुर बलयोगी, भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी और तेजस्वी सूर्या, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा और भाजपा के भुवनेश्वर कलिता भी शामिल हैं।
मीटिंग के दौरान यह सभी सांसद अपने-अपने अनुभवों को प्रधानमंत्री के साथ साझा करेंगे। बताया जा रहा है कि विदेशों में भारत के रुख को किस तरह स्वीकार किया गया, किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और वैश्विक मंच पर भारत की छवि को और कैसे मजबूत किया जा सकता है—इन सभी विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेलिगेशन के सदस्यों के लिए एक विशेष डिनर की भी मेजबानी करेंगे।
यह बैठक न केवल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की समीक्षा का अवसर होगी, बल्कि विदेश नीति, सार्वजनिक कूटनीति और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर संसद के विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों के दृष्टिकोण को जानने का भी एक महत्वपूर्ण मौका साबित होगी।