Delhi Heatwave Crisis: दिल्ली में भीषण गर्मी से मरीजों की भीड़, अस्पतालों की व्यवस्था ICU में—देवेंद्र यादव का रेखा सरकार पर करारा हमला
नई दिल्ली, 13 जून 2025 — राजधानी दिल्ली में पड़ रही रिकॉर्ड तोड़ भीषण गर्मी ने आम नागरिकों की परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया है। हीटवेव से प्रभावित मरीजों की संख्या अस्पतालों में लगातार बढ़ रही है, लेकिन सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “100 दिनों में रेखा सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों को वेंटिलेटर से उठाकर सीधे ICU में पहुंचा दिया है।”
देवेंद्र यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान में जहां आम लोग गर्मी से बेहाल हैं, वहीं राजधानी के अस्पतालों की हालत और अधिक चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हीटवेव से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की घोषित योजना सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है। अस्पतालों में न पीने का पानी है, न बैठने की व्यवस्था, न ही मरीजों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम दिखाई दे रहे हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाले उनके परिजन भी गर्मी में पेड़ों की छांव या तपते टीन शेड के नीचे खड़े होने को मजबूर हैं।
देवेंद्र यादव ने रेखा गुप्ता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ‘बेहतर सुविधाएं’ होने के खोखले दावे कर रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा चुकी हैं। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, मेडिकल स्टाफ का असहयोग और मूलभूत सुविधाओं का अभाव सामने आ चुका है। मरीजों को भर्ती करने से मना किया जा रहा है, और डाक्टर सिर्फ दवाइयां देकर उन्हें घर भेज रहे हैं, जबकि कई मामलों में हालत गंभीर है।
उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कड़कड़डूमा स्थित हेडगेवर आरोग्य अस्पताल की ओपीडी में 7 से 10 प्रतिशत मरीज गर्मी से जुड़ी बीमारियों के हैं। पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी और डिहाइड्रेशन की समस्या से ग्रस्त मरीजों को भी डॉक्टर गंभीरता से नहीं ले रहे। जीटीबी अस्पताल और स्वामी दयानंद अस्पताल की भी हालात कोई बेहतर नहीं है। वहां भी गर्मी से राहत देने वाली सुविधाएं गायब हैं और व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं।
यादव ने कहा कि यह स्थिति उन मजदूरों, रिक्शा चालकों, रेहड़ी-पटरी वालों और सड़कों पर काम करने वाले लोगों के लिए और भी खतरनाक है, जो प्रत्यक्ष रूप से सूरज की तपिश झेलते हुए जीवन यापन कर रहे हैं। जब वे बीमार होकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो उन्हें भी उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। कुछ अस्पतालों में वाटर कूलर तो लगे हैं लेकिन उनमें पानी ही नहीं है। कई अस्पतालों की लिफ्टें तक काम नहीं कर रही हैं, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को अतिरिक्त परेशानी हो रही है।
देवेंद्र यादव ने तंज कसते हुए कहा कि “यह भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार की वो उपलब्धि है, जिसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता विकास की कहानी बताती हैं। लेकिन असल में दिल्ली के अस्पतालों की स्थिति आईसीयू में पहुंच चुकी है। यह सिर्फ चिकित्सा संकट नहीं, बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता और विफलता का जीता-जागता उदाहरण है।”
उन्होंने अंत में कहा कि भाजपा सरकार झूठी घोषणाएं और बड़बोलापन छोड़कर अगर दिल्लीवासियों की जान बचाने को प्राथमिकता दे तो शायद लोगों को राहत मिल सकती है। वरना इस भीषण गर्मी में सरकारी व्यवस्था खुद दम तोड़ती नजर आ रही है।