Rithala Metro Fire: रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास भीषण फैक्ट्री अग्निकांड, 4 श्रमिकों की मौत, कई घायल
दिल्ली के रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास मंगलवार शाम को उस समय हड़कंप मच गया जब एक तीन मंजिला पॉलिथीन फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटों और धुएं ने पूरे इलाके को चपेट में ले लिया। हादसे में चार श्रमिकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। दमकल विभाग की 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
यह हादसा मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे हुआ, जब फैक्ट्री के भीतर लगभग 12 से 13 लोग काम कर रहे थे। आग लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई और ज्यादातर लोग किसी तरह बाहर निकल आए। लेकिन चार लोग अंदर ही फंस गए और उनकी जान नहीं बच सकी। दमकल विभाग को सूचना मिलते ही तुरंत 16 गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया, और बाद में हालात की गंभीरता को देखते हुए 8 और दमकल गाड़ियां बुलाई गईं।
आग पर काबू पाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। फैक्ट्री के अंदर भारी धुआं और तेज लपटें थीं, जिससे दमकलकर्मियों को भीतर प्रवेश करना कठिन हो रहा था। इस कारण जेसीबी मशीन से फैक्ट्री की दीवार तोड़नी पड़ी, ताकि अंदर सर्च ऑपरेशन चलाया जा सके। रात करीब एक बजे तीन शव निकाले गए, जबकि चौथा शव बुधवार सुबह करीब नौ बजे मिला।
तीनों घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें अधिक सुविधा वाले अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। मृतकों के शवों को बाबा भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया है। फिलहाल मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
धुएं के कारण आसपास के इलाकों में लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए हुए है। दमकल विभाग के अनुसार आग पर नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन कूलिंग और सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
पुलिस ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फैक्ट्री वैध थी या अवैध रूप से संचालित हो रही थी। पुलिस फैक्ट्री मालिक की तलाश में भी जुटी है।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर राजधानी में औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था और फायर सेफ्टी उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और आशंका जताई जा रही है कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी।