Delhi: दिल्ली की लैंडफिल साइटों पर लगेंगे मिथेन गैस डिटेक्टर, आगजनी पर लगेगा अंकुश
दिल्ली की लैंडफिल साइट्स पर बार-बार लगने वाली आग की घटनाओं पर जल्द ही रोक लग सकती है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने फैसला किया है कि दिल्ली की सभी लैंडफिल साइट्स पर मिथेन गैस डिटेक्टर लगाए जाएंगे। आयोग के अनुसार, लैंडफिल साइटों पर आग लगने की मुख्य वजह मिथेन गैस होती है, जो अत्यधिक ज्वलनशील होती है। मिथेन गैस एक रंगहीन और गंधहीन गैस है, जिससे यह जान पाना बेहद कठिन हो जाता है कि गैस कहां अधिक मात्रा में जमा हो रही है। यही वजह है कि अक्सर लैंडफिल में अचानक आग भड़क जाती है।
अब जब डिटेक्टर लगाए जाएंगे, तो यह संभव होगा कि गैस के एकत्र होने की स्थिति पहले ही भांप ली जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं। साथ ही इन डिटेक्टर्स के माध्यम से गर्मियों के दौरान तापमान पर भी निगरानी रखी जा सकेगी, जिससे जोखिम को और कम किया जा सकेगा। दिल्ली की सबसे बड़ी लैंडफिल साइट पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर क्षेत्र में स्थित है। यह साइट अक्सर चर्चा में रहती है क्योंकि यहां आग लगने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। गाजीपुर में लगी आग से उठने वाला जहरीला धुआं आसपास के निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन चुका है। स्थानीय लोग अस्थमा, सांस की बीमारी, यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
अब जब सरकार और वायु गुणवत्ता आयोग इस दिशा में सक्रिय कदम उठा रहे हैं, तो उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इन साइटों पर लगने वाली आग की घटनाओं में कमी आएगी। साथ ही इससे न केवल प्रदूषण घटेगा, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। दिल्ली सरकार और नगर निगम के समन्वय से इन डिटेक्टर्स की स्थापना शीघ्र शुरू किए जाने की संभावना है। यह कदम राजधानी में पर्यावरणीय आपदाओं को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।