Hindu Woman Raped In Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू महिला से गैंगरेप, वीडियो वायरल होते ही बवाल, देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज
बांग्लादेश के कूमिला जिले में एक हिंदू महिला के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बांग्लादेश की सड़कों पर गुस्से की आग फैल गई। यह मामला न केवल यौन अपराध का है, बल्कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न की भयावह तस्वीर भी पेश करता है।
शुरुआत में प्रशासन पर लापरवाही और उदासीनता के गंभीर आरोप लगे। महिला के साथ दुष्कर्म के बाद जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब जाकर मामला सुर्खियों में आया। तब तक प्रशासन शांत बैठा था और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। लेकिन जब ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू किया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
ढाका विश्वविद्यालय के जगन्नाथ छात्रावास के छात्रों ने इस घिनौनी घटना के खिलाफ जुलूस निकाला और दोषियों के लिए फांसी की मांग की। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम ने भी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की और सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की।
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए बांग्लादेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश दिए कि वायरल वीडियो को तत्काल सोशल मीडिया से हटाया जाए। दो जजों की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि पीड़िता को तत्काल सुरक्षा और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब घटना हुई तो आसपास के लोगों ने आरोपी को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की थी और फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां से आरोपी पुलिस की गिरफ्त से पहले ही फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने आरोपी को पुलिस को सौंपने की बजाय अस्पताल भेजा, जिससे कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठे।
बताया गया कि पीड़िता अपने मायके आई हुई थी और उसी दौरान आरोपी जबरन उसके घर में घुसे और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। यह वारदात न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।
इस घटना को लेकर बांग्लादेश में सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों खेमों में बयानबाज़ी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने सीधे तौर पर पूर्व नेता मोहम्मद यूनुस की सरकार पर आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल के दौरान ही देश में भीड़तंत्र, बलात्कार और हत्याओं की घटनाएं तेजी से बढ़ी थीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अल्पसंख्यक समुदाय अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है, और यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
यह घटना न सिर्फ बांग्लादेश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
सरकार की ओर से अब यह स्पष्ट करना होगा कि क्या वह इस मामले में सख्ती दिखाएगी या एक बार फिर यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह गुमनामी में चला जाएगा। देश की जनता, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं, अब न्याय की आस लगाए बैठी हैं।