Massacre in Purnia: पूर्णिया नरसंहार, डायन बताकर एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या, गांव में दहशत का माहौल
बिहार के पूर्णिया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। राजगंज थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव में रविवार की रात अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। गांव वालों को शक था कि परिवार की महिला तंत्र-मंत्र करती है और इसी शक के आधार पर पूरी घटना को अंजाम दिया गया।
मारे गए लोगों की पहचान बबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, उनकी मां काटो देवी, बेटा मनजीत कुमार और बहू रानी देवी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि गांव में कई दिनों से सीता देवी को ‘डायन’ कहा जा रहा था और यही अंधविश्वास इस खौफनाक हत्याकांड का कारण बना।
स्थानीय सूत्रों और पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, लगभग 50 लोगों की भीड़ ने मिलकर पहले परिवार के सदस्यों की बुरी तरह पिटाई की, फिर उन्हें घर के अंदर बंद करके घर में आग लगा दी। जब घर पूरी तरह जल गया और शव पहचानने लायक नहीं बचे, तो आरोपियों ने शवों को पास के जलकुंभी भरे इलाके में फेंक दिया।
घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम को भी जांच में लगाया गया है।
पूर्णिया की पुलिस अधीक्षक स्वीटी स्वरूप ने खुद मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और पूरे मामले की निगरानी कर रही हैं। अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाई जाएगी।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि 21वीं सदी में भी भारत के कुछ हिस्सों में अंधविश्वास, कुप्रथाएं और सामाजिक कुरीतियां किस कदर समाज को खोखला कर रही हैं। मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से मांग की है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।