Sunday, August 3, 2025
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Delhi Earthquake: दिल्ली-हरियाणा में धरती दो दिन तक कांपी: लगातार भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत, झज्जर बना केंद्र

Delhi Earthquake: दिल्ली-हरियाणा में धरती दो दिन तक कांपी: लगातार भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत, झज्जर बना केंद्र

दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के कई हिस्सों में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटकों ने लोगों को हिला कर रख दिया। शुक्रवार शाम करीब 7:45 बजे रिक्टर स्केल पर 3.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में बताया गया है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार, भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी और यह 28.68° उत्तर अक्षांश और 76.72° पूर्व देशांतर पर दर्ज किया गया।

यह झटका गुरुवार को आए भूकंप के ठीक अगले दिन आया, जिसने पहले से ही डरे हुए लोगों में और खौफ पैदा कर दिया। गुरुवार सुबह 9:04 बजे आया भूकंप 4.4 तीव्रता का था और इसका केंद्र भी झज्जर के पास, दिल्ली से लगभग 51 किलोमीटर पश्चिम में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।

दो दिन, दो झटके: NCR में बेचैनी का माहौल
लगातार दूसरे दिन धरती हिलने से दिल्ली, झज्जर, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, मेरठ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। लोग घरों, दफ्तरों और बिल्डिंगों से भागकर बाहर निकल आए। दिल्ली के विकासपुरी निवासी सुल्तान खान ने बताया, “हमें अचानक जोरदार झटका महसूस हुआ। पहले गर्मी, फिर रातभर की बारिश, और अब यह भूकंप—इन हालात ने मानसिक रूप से थका दिया है।”

झज्जर के एक बुजुर्ग ने कहा, “मैंने अपनी ज़िंदगी में पहली बार इतना तेज़ झटका महसूस किया। जैसे ही घर कांपने लगा, पूरा परिवार बाहर भाग आया।”

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी लोग खुली जगहों में खड़े नजर आए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम 45 मिनट से बाहर खड़े हैं, डर है कि कहीं और ज़ोर का झटका न आ जाए। बारिश के बाद सभी गहरी नींद में थे, लेकिन झटके महसूस होते ही सब बाहर आ गए।”

एक अन्य निवासी अहमद अली ने बताया, “भले ही झटका कुछ ही सेकंड का था, लेकिन वह इतना तेज़ था कि हमारी नींद टूट गई। बच्चे अब भी डरे हुए हैं।”

सतर्कता और तैयारियों की जरूरत
भले ही भूकंप की तीव्रता सीमित रही, लेकिन लगातार दो दिनों तक झटकों का आना चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह किसी बड़े भूकंप का संकेत नहीं है, लेकिन लगातार हलचलें क्षेत्रीय फॉल्ट लाइनों की सक्रियता को दर्शाती हैं। ऐसे में सतर्क रहना, आपातकालीन योजना बनाना और बहुमंज़िला इमारतों में रहने वालों का अतिरिक्त सावधानी बरतना ज़रूरी है।

आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं लेकिन सचेत रहें। घरों और कार्यालयों में भारी फर्नीचर को ठीक से दीवार से बांधें, जरूरी दस्तावेज और आपातकालीन किट तैयार रखें और झटके महसूस होते ही सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें।

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