Saturday, August 2, 2025
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NIA Arrest ISIS: NIA की बड़ी सफलता: ISIS के पुणे स्लीपर सेल का मास्टरमाइंड रिजवान अली लखनऊ से गिरफ्तार, भारत में आतंकी साजिश का पर्दाफाश

NIA Arrest ISIS: NIA की बड़ी सफलता: ISIS के पुणे स्लीपर सेल का मास्टरमाइंड रिजवान अली लखनऊ से गिरफ्तार, भारत में आतंकी साजिश का पर्दाफाश

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए शुक्रवार को ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (ISIS) से जुड़े पुणे स्लीपर सेल के मास्टरमाइंड रिजवान अली उर्फ अबू सलमा उर्फ मोला को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब एजेंसी भारत में आतंकी साजिशों और आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ सघन अभियान चला रही है।

NIA के अनुसार, रिजवान अली इस केस में 11वां वांटेड आरोपी और प्रमुख साजिशकर्ता है, जिसके खिलाफ पहले से गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी था। उस पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और वह लंबे समय से फरार था। एजेंसी ने बताया कि रिजवान न केवल भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था, बल्कि उसने देश के कई संवेदनशील स्थानों की रेकी भी की थी ताकि उन्हें भविष्य में आतंकी ठिकानों के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

NIA के आधिकारिक बयान के अनुसार, रिजवान अली हथियारों की ट्रेनिंग और IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने की तकनीक सिखाने में भी माहिर था। वह नए लोगों की भर्ती, ब्रेनवॉशिंग, कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और उन्हें आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। उसके मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइसेज़ की जांच से ऐसे कई सुराग मिले हैं जो आतंकवाद फैलाने की बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं।

इस केस से जुड़े अन्य 10 आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, अब्दुल कादिर पठान, सिमाब नसीरुद्दीन काजी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला, शमिल नाचन, आकिफ नाचन, शाहनवाज आलम, अब्दुल्ला फैयाज शेख और तलहा खान शामिल हैं। सभी पर UAPA, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं।

NIA का कहना है कि यह पूरा मॉड्यूल भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश रच रहा था। आरोपी देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा फैलाने, बम धमाके करने और समाज में कट्टरपंथ फैलाने के लिए योजनाएं बना रहे थे। जांच एजेंसी का दावा है कि इन लोगों ने देश में दहशत फैलाने और कानून-व्यवस्था को कमजोर करने के उद्देश्य से कई आतंकी हमलों की योजना बनाई थी।

गिरफ्तारी के बाद रिजवान अली को NIA ने कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 18 जुलाई तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया है। अब उससे पूछताछ कर इस नेटवर्क के अन्य छिपे हुए चेहरों और विदेशी संपर्कों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

इस गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि NIA और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ चौकस हैं और देश की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे पर सख्त कार्रवाई कर रही हैं। यह सफलता भारत में छिपे स्लीपर मॉड्यूल्स के लिए एक कड़ा संदेश है कि आतंक फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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