Delhi CP Retirement: दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा सेवानिवृत्त, विदाई परेड में दी गई गरिमामयी विदाई
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा आज अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। किंग्सवे कैंप स्थित दिल्ली पुलिस लाइंस में आयोजित एक पारंपरिक और सम्मानजनक विदाई परेड के माध्यम से उन्हें पुलिस बल और अधिकारियों द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। अपने दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान अरोड़ा ने राजधानी में कानून व्यवस्था को संभालने, संगठित अपराध पर नकेल कसने और दिल्ली पुलिस की कार्यशैली में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।
तमिलनाडु कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय अरोड़ा ने 1 अगस्त 2022 को दिल्ली पुलिस के आयुक्त पद का कार्यभार संभाला था। उन्होंने राकेश अस्थाना का स्थान लिया था और एक सधा हुआ, संयमित और विवादों से परे नेतृत्व शैली अपनाते हुए इस पद को निभाया।
अरोड़ा के कार्यकाल के दौरान राजधानी दिल्ली में कई बड़ी घटनाएं और चुनौतियां सामने आईं, जिनमें संगठित गैंगवार, जबरन वसूली की धमकियां, रोहिणी में दो बम विस्फोट, साइबर क्राइम, श्रद्धा वाकर हत्याकांड, स्वाति मालीवाल पर हमला, पहलवानों का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी जैसे हाई-प्रोफाइल मामले शामिल हैं। इन घटनाओं ने पुलिस प्रशासन के सामने चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ पैदा कीं, लेकिन संजय अरोड़ा ने हर बार परिस्थिति को शांतिपूर्वक और सधे हुए अंदाज में संभाला।
विशेष रूप से, अरोड़ा के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस को मादक पदार्थों की तस्करी और वितरण के खिलाफ अभियान में उल्लेखनीय सफलता मिली। बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं की बरामदगी और अंतरराज्यीय तस्कर गिरोहों का पर्दाफाश उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल रहा। साथ ही, उन्होंने पुलिस बल के अंदर सुधारात्मक प्रयास भी किए, जैसे तकनीकी उपकरणों का विस्तार, थानों में पारदर्शिता बढ़ाना और स्टाफ के लिए संवेदनशीलता प्रशिक्षण।
हालांकि उनके सेवा विस्तार को लेकर अटकलें थीं, लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से 31 जुलाई तक कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई। दिल्ली के गृह विभाग ने उनकी सेवानिवृत्ति की पुष्टि करते हुए अधिसूचना पहले ही जारी कर दी थी।
संजय अरोड़ा का नेतृत्व शैली शांत, नपी-तुली और जिम्मेदारी भरी रही। उन्होंने मीडिया से दूर रहकर अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया और पुलिस बल में आंतरिक एकजुटता को प्राथमिकता दी। उनकी विदाई के मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों, जवानों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें सलामी दी और उनके योगदान को सराहा।