Thursday, August 7, 2025
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Delhi: दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिले अभिभावक, स्कूल शुल्क विनियमन विधेयक 2025 के लिए जताया आभार

Delhi: दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिले अभिभावक, स्कूल शुल्क विनियमन विधेयक 2025 के लिए जताया आभार

दिल्ली विधानसभा में आज एक विशेष क्षण देखने को मिला जब राजधानी के कई स्कूलों से जुड़े अभिभावकों ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर उनका धन्यवाद किया। यह मुलाकात दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क विनियमन और पारदर्शिता) विधेयक, 2025 के पारित होने के संदर्भ में हुई, जिसे लेकर लंबे समय से अभिभावकों की मांग चली आ रही थी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधेयक को जनहित में ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि अब निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। यह विधेयक शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और अभिभावकों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी अभिभावकों को आश्वासन दिया कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हर नागरिक के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इस विधेयक के ज़रिए दिल्ली सरकार निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि, अतिरिक्त शुल्क और प्रवेश शुल्क जैसे मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। इसके तहत सभी स्कूलों को अपनी फीस संरचना, खर्चों का ब्यौरा और शुल्क निर्धारण प्रक्रिया सार्वजनिक करनी होगी। साथ ही, इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि बिना सरकार की पूर्व स्वीकृति के कोई स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकेगा।

विधानसभा में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधेयक को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा, “आज जनता कह रही है – ‘रेखा दीदी की ललकार है, अब नहीं चलेगा शिक्षा का व्यापार।'” उन्होंने आगे कहा कि यह केवल एक विधेयक नहीं, बल्कि उन लाखों अभिभावकों की आवाज़ है जो वर्षों से निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान थे।

आशीष सूद ने यह भी कहा कि पहली बार अभिभावकों को लोकतंत्र के मंच से अपनी पीड़ा और मांग को व्यक्त करने का मौका मिला है और सरकार इस जनभावना का सम्मान करते हुए शिक्षा व्यवस्था को जवाबदेह और पारदर्शी बना रही है।

अभिभावकों ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री को पुष्पगुच्छ भेंट कर धन्यवाद दिया और कहा कि यह विधेयक उनके लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। उन्होंने आशा जताई कि इसके लागू होने के बाद निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी और बच्चों की शिक्षा एक बोझ नहीं, बल्कि अधिकार बनकर उभरेगी।

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