Prayagraj Minor Girl Case: प्रयागराज की नाबालिग दलित लड़की को केरल ले जाकर जबरन धर्मांतरण और आतंकी गतिविधियों में धकेलने की साजिश, दो गिरफ्तार, एक फरार
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आया एक चौंकाने वाला मामला देशभर में सनसनी फैला रहा है। यहां 15 वर्षीय एक नाबालिग दलित लड़की को पहले बहला-फुसलाकर अगवा किया गया और फिर उसे केरल ले जाकर जबरन धर्मांतरण कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश रची गई। इस गंभीर साजिश का खुलासा प्रयागराज पुलिस ने किया है और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है।
मामले की शुरुआत तब हुई जब लड़की के अचानक लापता होने पर परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि लड़की को उसकी मुस्लिम महिला मित्र द्वारा पैसे और सुनहरे भविष्य के झूठे सपने दिखाकर केरल ले जाया गया था। वहां उसे इस्लाम कबूल करवाने और जिहादी गतिविधियों से जोड़ने की योजना बनाई गई थी।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना 8 मई की है। आरोपी युवती और एक युवक ने मिलकर लड़की को प्रयागराज से दिल्ली होते हुए केरल पहुंचाया। लड़की की मां द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया गया कि नाबालिग पीड़िता को मानसिक रूप से प्रभावित किया गया और केरल में कुछ संदिग्ध लोगों से उसकी मुलाकात करवाई गई। इन लोगों का उद्देश्य उसे धार्मिक रूप से कट्टरपंथी बनाकर आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बनाना था।
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी युवती एक ऐसे संगठित गिरोह का हिस्सा है जो दलित और गरीब परिवारों की नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाता है। ये गिरोह पहले उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता है और फिर उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़कर विभिन्न अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल करता है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक लड़की को बाइक पर पहुंचाने वाला युवक भी इस साजिश में शामिल था। वहां से दोनों लड़कियां दिल्ली गईं और फिर ट्रेन से केरल पहुंचीं। पुलिस ने पीड़िता को सुरक्षित बरामद कर लिया है और उसे उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है।
इस मामले में एक युवक और पीड़िता की मुस्लिम महिला मित्र को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। पुलिस ने यह भी पुष्टि की है कि केरल में पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की गई थी, और उसकी मर्जी के खिलाफ उसे धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया।
डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत के अनुसार, यह कोई अलग-थलग मामला नहीं है बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों को ब्रेनवॉश कर धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद की ओर धकेलना है। पुलिस गिरोह के पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुट गई है।
इस मामले ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि धार्मिक कट्टरता और जिहादी नेटवर्क अब संगठित रूप से कमजोर तबकों को निशाना बना रहे हैं। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।