Delhi Crime: 10 साल से फरार ठग अरुण शर्मा गिरफ्तार: पत्नी संग रची थी ठगी की साजिश, दिल्ली-गुजरात में कई लोगों को बनाया शिकार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है जो पिछले 10 वर्षों से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। शातिर ठग अरुण शर्मा, जो अपनी पत्नी के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से आम नागरिकों को लाखों रुपये का चूना लगा चुका है, आखिरकार दिल्ली के कृष्णा विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। वर्ष 2014 से फरार चल रहे इस आरोपी को 2015 में कोर्ट ने घोषित अपराधी यानी प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया था। हैरानी की बात यह है कि उसकी पत्नी, जो उसकी अपराधी साजिशों में बराबर की साझेदार थी, अब तक फरार है।
दिल्ली पुलिस की उत्तरी रेंज-1 की क्राइम ब्रांच टीम ने इंस्पेक्टर अजय शर्मा के नेतृत्व और एसीपी अशोक शर्मा की निगरानी में इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया। आरोपी की तलाश में पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मैनुअल इंटेलिजेंस का सहारा लिया। अंततः उसे दिल्ली के कृष्णा विहार क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। डीसीपी हर्ष इंदौरा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले से ही थाना केएन कटजू मार्ग में मामला दर्ज था।
पुलिस जांच में सामने आया कि अरुण शर्मा मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और दिल्ली के करोल बाग स्थित टैंक रोड पर रेडीमेड गारमेंट्स का व्यवसाय करता था। लेकिन व्यापार में भारी नुकसान होने के बाद उसने अपराध की राह चुन ली। उसने अपनी पत्नी के नाम पर रोहिणी सेक्टर 16 स्थित मकान को 65 लाख रुपये में बेचने का सौदा किया और 15 लाख रुपये की अग्रिम राशि लेने के बाद उसी प्रॉपर्टी को किसी और को बेच दिया। इसके बाद वह पत्नी सहित फरार हो गया।
इससे भी गंभीर बात यह सामने आई कि आरोपी पहले से ही कई लोगों से उधार के नाम पर लाखों रुपये ठग चुका था। अरुण शर्मा ने अपनी पत्नी को पूरे अपराध में शामिल किया और सारी डील्स उसकी पत्नी के नाम पर करवाईं ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो दोनों पति-पत्नी ने सहयोग करने से इनकार कर दिया, जिसके चलते कोर्ट ने दोनों को घोषित अपराधी घोषित कर दिया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने अपने सारे अपराध कबूल कर लिए हैं। उसने यह भी बताया कि दिल्ली में ठगी करने के बाद वह गुजरात के वडोदरा चला गया था, जहां उसने फिर मासूम लोगों को झांसे में लेकर पैसा ऐंठा।