Delhi Crime Branch: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पैरोल जंपर को किया गिरफ्तार, 1999 के डबल मर्डर और हत्या के प्रयास में थी 20 साल की सज़ा
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वर्षों से फरार एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो 1999 में अपनी ही दो नाबालिग बेटियों की हत्या और तीसरी की हत्या के प्रयास का दोषी था। यह सनसनीखेज कार्रवाई इंटर-स्टेट सेल, चाणक्यपुरी की टीम ने की, जिसने पैरोल पर बाहर आए इस सज़ायाफ्ता हत्यारे को आखिरकार पकड़ लिया।
घटना 29 जुलाई 1999 की है जब गोकुलपुरी निवासी हमीदुल्ला नामक व्यक्ति ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए अपनी तीन नाबालिग बेटियों को ज़हर देने की कोशिश की थी। उसने पेट दर्द का बहाना बनाकर अपनी बड़ी बेटी को तीन कैप्सूल दिए—एक खुद के लिए और दो छोटी बहनों को देने के लिए। जब बड़ी बेटी ने संदेह जताया, तो उसने स्वयं उन दो कैप्सूलों को छोटी बेटियों के मुंह में डाल दिया।
बड़ी बेटी ने चालाकी से वह कैप्सूल नहीं निगला और तुरंत पड़ोसियों को बुलाने के लिए भागी। जब पड़ोसी मौके पर पहुंचे, तब तक आरोपी हमीदुल्ला फरार हो चुका था। दोनों छोटी बच्चियों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस निर्मम घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया था। जांच के बाद पुलिस ने हमीदुल्ला को 31 जुलाई 1999 को गिरफ्तार कर लिया था। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे IPC की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 328 (ज़हर देने का अपराध) के तहत दोषी ठहराते हुए 20 साल की कठोर सज़ा सुनाई थी।
हालांकि, सज़ा के दौरान उसे एक पैरोल पर रिहा किया गया था, जिसके बाद वह कानून की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया और सालों तक लापता रहा। दिल्ली पुलिस की इंटर-स्टेट सेल ने लगातार उसकी तलाश जारी रखी और गुप्त सूचना के आधार पर उसे दबोच लिया।