Delhi Crime: पूर्वी दिल्ली में मोबाइल तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, छह आरोपी गिरफ्तार, बांग्लादेश तक जुड़ा नेटवर्क
पूर्वी दिल्ली की एंटी नारकोटिक्स पुलिस टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मोबाइल फोन तस्करी से जुड़े एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो दिल्ली में झपटमारी और मोबाइल चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे और फिर इन चोरी के मोबाइलों को अवैध रूप से बांग्लादेश भेज देते थे। पूर्वी जिले के डीसीपी अभिषेक धनिया ने जानकारी दी कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद रहमान शेख, इमारुल कायूस, गुलबहार, सलमान, शफी अहमद उर्फ टीपू और भूपेंद्र के रूप में हुई है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद रहमान शेख, जो पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के खाश चांदपुर का निवासी है, दिल्ली में चोरी हुए मोबाइल इमारुल कायूस को सौंपता था। कायूस, जो गोपालपुर (मालदा) का रहने वाला है, पूछताछ में कबूल कर चुका है कि वह ये मोबाइल फोन बांग्लादेश में तस्करी के लिए भेजता था। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर मालदा से 20 और मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
दिल्ली पुलिस की टीम ने दोनों आरोपियों को मालदा में दबोचने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया। मामले की तह तक पहुंचते हुए पुलिस ने दिल्ली निवासी गुलबहार को भी गिरफ्तार किया, जो जगजीत नगर, न्यू उस्मानपुर इलाके की रहने वाली है। गुलबहार मोबाइल बेचने के बहाने अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करती थी और अवैध लेन-देन में संलिप्त पाई गई। अब पुलिस उसके खातों की फॉरेंसिक जांच कर रही है कि इस रैकेट से जुड़े कितने लेन-देन उसमें हुए हैं।
अन्य आरोपी सलमान, शफी अहमद उर्फ टीपू और भूपेंद्र दिल्ली में सक्रिय थे और गिरोह की झपटमारी, चोरी और मोबाइल एकत्र करने की गतिविधियों में शामिल थे। इस पूरे नेटवर्क की जड़ें दिल्ली से लेकर बंगाल और वहां से बांग्लादेश तक फैली हुई थीं।
पूर्वी दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से दिल्ली और आस-पास के इलाकों में मोबाइल फोन चुराकर विदेशों में सप्लाई कर रहा था। यह पहली बार है जब इस तरह के रैकेट का एक संगठित ढांचा सामने आया है, जिसमें झपटमार, ट्रांसपोर्टर, बैंकिंग हैंडलर और विदेशी सप्लायर तक शामिल थे।