Delhi Fire: दिल्ली के जगतपुरी में अवैध बैट्री फैक्ट्री में भीषण आग, दो कर्मचारियों की मौत, कई घायल
दिल्ली में अवैध फैक्ट्रियों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। महज कुछ दिन पहले, 24 जून को रिठाला इलाके में बैग और नैपकिन बनाने की एक अवैध फैक्ट्री में लगी आग में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अभी उस हादसे की यादें धुंधली भी नहीं हुई थीं कि मंगलवार रात एक और भीषण हादसा राजधानी के जगतपुरी इलाके में सामने आया, जहां मोबाइल फोन की बैट्री बनाने वाली अवैध फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस घटना में दो कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
हादसा पुराना गोविंदपुरा इलाके में स्थित एक चार मंजिला मकान में हुआ, जहां पहली मंजिल पर यह अवैध फैक्ट्री चलाई जा रही थी। आग लगने के समय इस छोटे से 35 गज के मकान में लगभग 10 लोग मौजूद थे। जब फैक्ट्री में आग लगी, तो धुएं ने तेजी से पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। मौके की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जान बचाने के लिए एक युवक पहली मंजिल से नीचे सड़क पर कूद गया।
सूचना मिलते ही दमकल और पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। दमकल की नौ गाड़ियां भेजी गईं, जिन्होंने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान दमकल और पुलिस कर्मियों ने अंदर फंसे 10 लोगों में से छह को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बाकी चार लोगों में से तीन बुरी तरह झुलसे हुए थे, जबकि एक युवक गिरने से घायल हो गया था।
सभी घायलों को डॉ. हेडगेवार अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने तनवीर और नुसरत नामक दो कर्मचारियों को मृत घोषित कर दिया। एक अन्य घायल आसिफ की हालत नाजुक होने के कारण उसे जीटीबी अस्पताल रेफर किया गया, जबकि बालकनी से कूदने वाले फैजल का इलाज हेडगेवार अस्पताल में चल रहा है।
मौके पर मौजूद शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि पुलिस को रात करीब पौने नौ बजे सूचना मिली थी। आग चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर लगी थी, लेकिन धुआं ऊपरी मंजिलों तक फैल चुका था। स्थिति इतनी खराब थी कि दमकल की गाड़ियां मकान के पास तक नहीं पहुंच सकीं और करीब 60 मीटर की दूरी से पाइप के जरिए पानी पहुंचाना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक, पहली मंजिल पर मोबाइल बैट्री और पावर बैंक बनाने की अवैध फैक्ट्री थी, जबकि दूसरी मंजिल पर लहंगे सिलने का कार्य चल रहा था। फैक्ट्री तस्लीम नामक व्यक्ति द्वारा किराए पर ली गई थी और कोई वैध लाइसेंस नहीं था। आग लगने की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी और फैक्ट्री में काम कर रहे फैजल ने बताया कि आग अचानक फैली और किसी को कुछ समझ नहीं आया। उसने जान बचाने के लिए बालकनी से छलांग लगाई। हादसे ने एक बार फिर से दिल्ली में चल रही अवैध औद्योगिक गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां न तो कोई सुरक्षा मानक अपनाए जाते हैं और न ही मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है।
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और फैक्ट्री मालिक की तलाश की जा रही है। मृतकों के परिजनों की आंखों में आंसू हैं, और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि कब तक दिल्ली में ऐसी जानलेवा फैक्ट्रियां बिना निगरानी चलती रहेंगी और कब तक मजदूरों की जान यूं ही राख होती रहेगी।