DTC Protest: दिल्ली में सरकार बदली, पर नहीं बदले DTC कर्मचारियों के हालात – वेतन ना मिलने पर गाज़ीपुर डिपो में कंडक्टरों का प्रदर्शन जारी
दिल्ली में सरकार तो बदल गई है, लेकिन दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के कर्मचारियों की समस्याएं अब भी जस की तस बनी हुई हैं। राजधानी के पूर्वी दिल्ली स्थित गाज़ीपुर कलेक्टर बस डिपो में लगातार दूसरे दिन भी बस कंडक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ये सभी इलेक्ट्रॉनिक बसों में कार्यरत कंडक्टर हैं, जिन्हें बीते तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। परेशान कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण धरने के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद की है।
प्रदर्शन कर रहे कंडक्टरों ने बताया कि जब तक उनकी तनख्वाह नहीं दी जाती, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। उनका कहना है कि वे सरकार और ठेकेदार दोनों से बार-बार संपर्क कर चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, वेतन नहीं। लगातार देरी के चलते उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ चुका है। कई कंडक्टरों ने कहा कि घर चलाना मुश्किल हो गया है, बच्चों की फीस और राशन तक की व्यवस्था करना चुनौती बन चुका है।
गाजीपुर डिपो में करीब 80 इलेक्ट्रॉनिक बसें तैनात हैं, जो इन दिनों यहीं खड़ी हैं क्योंकि बसों के संचालन के लिए आवश्यक कंडक्टरों ने हड़ताल कर रखी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ठेकेदार की ओर से यह बताया जा रहा है कि जब तक कॉन्ट्रैक्ट का रिन्युअल नहीं होता, तनख्वाह जारी नहीं की जा सकती। लेकिन इसमें कितना समय लगेगा, इसका कोई निश्चित जवाब नहीं दिया जा रहा।
इस पूरी स्थिति ने एक बार फिर सरकारी तंत्र की लापरवाही को उजागर कर दिया है। सरकार बदली, नीतियां और घोषणाएं भी बदलीं, लेकिन कर्मचारियों की मूलभूत समस्याएं – जैसे समय पर वेतन मिलना – अब भी दूर नहीं हुईं।
डीटीसी के कंडक्टरों का कहना है कि उन्होंने वर्षों से ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाई है और अब वे केवल अपने हक की मांग कर रहे हैं। यह केवल वेतन का मामला नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार से जुड़ा मुद्दा है।