Sunday, August 3, 2025
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Gujarat Bridge Collapse: गुजरात पुल हादसा: महिसागर नदी पर 43 साल पुराना गम्भीरा ब्रिज ढहा, 9 की मौत, कई वाहन नदी में गिरे

Gujarat Bridge Collapse: गुजरात पुल हादसा: महिसागर नदी पर 43 साल पुराना गम्भीरा ब्रिज ढहा, 9 की मौत, कई वाहन नदी में गिरे

गुजरात के वडोदरा जिले में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब महिसागर नदी पर बना 43 साल पुराना गम्भीरा पुल भरभराकर ढह गया। यह पुल वडोदरा और आणंद को जोड़ता था और रोजाना हजारों वाहन इस पर से गुजरते थे। हादसे में अब तक कम से कम 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।

सुबह करीब 8:30 बजे यह हादसा पादरा क्षेत्र में हुआ, जब पुल पर एक साथ कई वाहन गुजर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुल अचानक से बीच में से टूट गया, जिससे पांच वाहन—जिसमें एक ट्रक, एक पिकअप और तीन अन्य गाड़ियाँ थीं—सीधे महिसागर नदी में जा गिरे। घटनास्थल पर पहुंची आपातकालीन टीमों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने जानकारी दी कि दो गंभीर रूप से घायल लोगों को वडोदरा के सर सयाजी अस्पताल में रेफर किया गया है।

एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने नदी में फंसे वाहनों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया है। अभी तक नदी में एक भारी ट्रक और एक पिकअप वाहन बुरी तरह फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए क्रेन और बोट्स का सहारा लिया जा रहा है।

इस भयावह हादसे के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और तुरंत ब्रिज डिजाइन टीम, मुख्य अभियंता और तकनीकी विशेषज्ञों को मौके पर भेजने के आदेश दिए हैं। उन्होंने हादसे की विस्तृत जांच रिपोर्ट भी मांगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह पुल पिछले साल ही मरम्मत किया गया था और तीन महीने पहले राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए 212 करोड़ रुपये की लागत से एक नए पुल को बनाने की मंजूरी भी दी थी। नए पुल की डिजाइनिंग और टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी, लेकिन तब तक यह हादसा हो गया।

यह हादसा एक बार फिर देश के पुराने और कमजोर हो चुके बुनियादी ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या समय रहते पुल की स्थिति की जांच नहीं की गई? क्या मरम्मत कार्य सिर्फ औपचारिकता था? क्या ट्रैफिक लोड का अनुमान गलत था? इन सभी सवालों के जवाब आने वाली जांच में सामने आएंगे।

फिलहाल पूरा क्षेत्र शोक में डूबा है और मृतकों के परिजनों को सरकार द्वारा राहत राशि देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को तत्काल मुआवज़ा देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है।

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