Tamil Nadu Train Accident: तमिलनाडु में भीषण हादसा: रेलवे ट्रैक पार कर रही स्कूल वैन को ट्रेन ने मारी टक्कर, दो बच्चों की दर्दनाक मौत, चार गंभीर रूप से घायल
तमिलनाडु के कडलूर ज़िले के सेम्मानकुप्पम गांव में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। सुबह करीब 7:45 बजे एक स्कूल वैन, जो बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी, रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश कर रही थी, तभी वहां से गुजर रही एक पैसेंजर ट्रेन ने उसे तेज रफ्तार में टक्कर मार दी। इस दर्दनाक हादसे में दो स्कूली बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल कडलूर के जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
हादसा कुड्डालोर और अलप्पक्कम के बीच स्थित रेलवे लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 170 पर हुआ, जो एक गैर-इंटरलॉक्ड यानी मैन्युअली संचालित गेट था। वैन जैसे ही क्रॉसिंग पार कर रही थी, उसी समय ट्रेन नंबर 56813 विल्लुपुरम-मयिलादुथुराई पैसेंजर वहां से गुजर रही थी और तेज रफ्तार में वैन से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वैन करीब 50 मीटर तक पटरी पर घसीटती चली गई।
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय ग्रामीणों ने जब पटरी पर बच्चों के शव और गंभीर रूप से घायल बच्चों को देखा तो तत्काल अधिकारियों को सूचना दी। रेलवे और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
रेलवे की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जब गेटकीपर गेट को बंद करने के लिए आगे बढ़ा, उसी समय वैन चालक ने जल्दबाज़ी में गेट पार करने की कोशिश की और यही लापरवाही इस हादसे का कारण बनी। घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे की सुरक्षा, संचालन और इंजीनियरिंग शाखाओं के अधिकारियों की एक विशेष समिति मामले की जांच कर रही है।
घटना के बाद से पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से सवाल किया है कि ऐसे संवेदनशील मार्गों पर अभी तक पूरी तरह स्वचालित सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई। जिला प्रशासन ने मृतक बच्चों के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की है और वैन चालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि रेल क्रॉसिंग पर नियमों की अनदेखी और थोड़ी सी लापरवाही भी कई जिंदगियों को लील सकती है। स्कूलों और अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की ज़रूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा