Iran Israel War: ईरान-इस्राइल संघर्ष ने लिया भयावह मोड़, 224 की मौत, सरकारी इमारतें तबाह
पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें तेज़ी से युद्ध में तब्दील हो रही हैं। ईरान और इस्राइल के बीच चल रही संघर्ष की श्रृंखला अब भीषण तबाही में बदलती जा रही है। ताजा हमलों में इस्राइल ने ईरान के कई प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया है। इसमें ईरान का विदेश मंत्रालय, सैन्य मुख्यालय और शाहरान तेल डिपो प्रमुख रूप से शामिल हैं। ईरान में इन हमलों के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 224 हो गई है जबकि 1,277 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि इस्राइली लड़ाकू विमानों ने रविवार को राजधानी तेहरान समेत कई इलाकों पर घातक हमले किए। जिन इमारतों को निशाना बनाया गया उनमें विदेश मंत्रालय, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का सैन्य ठिकाना और एयर डिफेंस सिस्टम निर्माण इकाइयां शामिल थीं। इस हमले में ईरान की खुफिया एजेंसी के प्रमुख जनरल मोहम्मद काजमी के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है।
वहीं ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पिछले तीन दिनों में इस्राइल पर करीब 270 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं हैं। इनमें से 22 मिसाइलें इस्राइल के “आयरन डोम” सुरक्षा कवच को चकमा देते हुए रिहायशी इलाकों में जा गिरीं, जिससे भारी नुकसान हुआ। इस्राइल में अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 390 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं जिनकी उम्र 9 और 10 वर्ष थी। हाइफा शहर में एक तेल रिफाइनरी पर हुए हमले ने वहां भी हालात बिगाड़ दिए हैं।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस्राइल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस योजना को खारिज कर दिया। इससे यह स्पष्ट है कि अमेरिका ईरान-इस्राइल संघर्ष में सीधे शामिल नहीं होना चाहता, लेकिन हालात इस ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।
तेहरान की सड़कों पर तनाव का माहौल है। राजधानी के कई मुख्य मार्गों को बंद कर दिया गया है और मस्जिदों तथा मेट्रो स्टेशनों को बम शेल्टर में बदला जा रहा है। तेल और गैस केंद्रों पर हमलों के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। कई देशों में तेल की कीमतों पर असर दिखने लगा है।
वॉशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन ने दावा किया है कि ईरान में असल मृतकों की संख्या 400 से ज्यादा है, जबकि घायल लोगों की संख्या 650 से अधिक है। अस्पतालों में जगह की कमी हो गई है और रक्तदान की अपील जारी की गई है।
ईरान में गैस स्टेशनों पर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं, हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया है कि देश में तेल या गैस की कोई कमी नहीं है। वहीं, इस्राइल में लोग बंकरों में छिपे हुए हैं, और देशभर में आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है।
रविवार को ईरान द्वारा दागी गई मिसाइलों ने इस्राइल के कई इलाकों को दहला दिया। बच्चों समेत निर्दोष नागरिकों की मौत ने इस संघर्ष को और भी भयावह बना दिया है। क्षेत्रीय शांति की उम्मीदें अब लगभग धुंधली हो चुकी हैं। ईरान और अमेरिका के बीच प्रस्तावित परमाणु वार्ता भी ओमान में होने से पहले ही स्थगित कर दी गई है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक संगठन शांति की अपील कर चुके हैं, मगर दोनों देशों के बीच बदले की कार्रवाई का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा।