Israel Iran War: इजराइल-ईरान के बीच 8 घंटे की घातक जंग: परमाणु ठिकानों पर हमला, 228 मौतें, दर्जनों घायल
पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध की आग में झुलस गया है। इजराइल और ईरान के बीच चल रहे तनाव ने शुक्रवार देर रात विकराल रूप ले लिया जब इजराइली वायुसेना ने ईरान के कई संवेदनशील सैन्य और परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दी। यह हमला भारतीय समयानुसार रात करीब 10:30 बजे शुरू हुआ और शनिवार सुबह 7:15 बजे तक भीषण लड़ाई जारी रही। यह हालिया वर्षों की सबसे बड़ी और विनाशकारी सैन्य भिड़ंत मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, इजराइल के लड़ाकू विमानों ने सीधे ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों और सैन्य कमांड सेंटरों को निशाना बनाया। इस हमले में अब तक ईरान के 78 नागरिकों और सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि 350 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए लोगों में ईरान के छह प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक और 20 से ज्यादा उच्च रैंकिंग सैन्य कमांडर शामिल हैं।
इस हमले के जवाब में ईरान ने भी देर नहीं की। उसने तुरंत पलटवार करते हुए 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं। इनमें से 6 मिसाइलें इजराइल की राजधानी तेल अवीव में गिरीं, जहां विस्फोट में दो नागरिकों की जान चली गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए। ईरानी सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि इन मिसाइलों ने इजराइली रक्षा मंत्रालय और कुछ सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया है, हालांकि इस पर इजराइली सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
तनाव और बढ़ने की आशंका को देखते हुए इजराइल ने अपने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को तत्काल सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया। साथ ही, पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया और मिसाइल डिफेंस सिस्टम “आयरन डोम” को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया। राजधानी तेल अवीव सहित कई शहरों में बंकरों को खोला गया और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की गई।
यह संघर्ष उस वक़्त और अधिक उग्र हो गया जब शुक्रवार सुबह इजराइल ने एक अलग हमले में ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की थी। उस हमले में भी 20 से अधिक ईरानी सैन्य अधिकारी मारे गए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव तेजी से बढ़ता गया, जो रात के समय एक बड़े युद्ध में तब्दील हो गया।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ती लड़ाई को लेकर गहरी चिंता जता रहा है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन जैसे प्रमुख वैश्विक ताकतों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं, पश्चिम एशिया में कई देशों ने अपनी सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह संघर्ष इसी तरह बढ़ता रहा तो यह एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है, जिसका असर सिर्फ मध्य-पूर्व ही नहीं बल्कि वैश्विक राजनीति, तेल आपूर्ति और बाजारों पर भी व्यापक रूप से पड़ेगा।
फिलहाल, दोनों देशों के बीच सीधी जंग थमने के कोई संकेत नहीं हैं। इजराइल ने दोबारा जवाबी हमले की चेतावनी दी है, वहीं ईरान भी अपनी मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने की बात कर चुका है। आने वाले घंटे और दिन इस क्षेत्र और दुनिया की सुरक्षा के लिए बेहद निर्णायक साबित हो सकते हैं।