Monday, August 4, 2025
spot_img
Homeदेश दुनियाKanpur Massive Fire: कानपुर अग्निकांड: राख में तब्दील हुआ व्यापारिक इतिहास, पीढ़ियों...

Kanpur Massive Fire: कानपुर अग्निकांड: राख में तब्दील हुआ व्यापारिक इतिहास, पीढ़ियों की मेहनत पल में खाक

Kanpur Massive Fire: कानपुर अग्निकांड: राख में तब्दील हुआ व्यापारिक इतिहास, पीढ़ियों की मेहनत पल में खाक

कानपुर के कलक्टरगंज गल्लामंडी में मंगलवार को दोपहर बाद लगी भीषण आग ने शहर के आर्थिक ढांचे को झकझोर कर रख दिया। 159 साल पुरानी मंडी में जलती लपटों और धुएं के गुबार के बीच कारोबारियों की वर्षों की मेहनत और पीढ़ियों का निवेश चंद घंटों में राख में तब्दील हो गया। यह आग न सिर्फ दुकानों, गोदामों और माल को निगल गई, बल्कि हजारों मजदूरों और उनके परिवारों की रोजी-रोटी भी संकट में डाल गई।

देश-विदेश तक चर्चित इस गल्लामंडी ने सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को व्यापारी बनाया, जिन्होंने अपने खून-पसीने से कारोबार खड़ा किया था। कई दशक पुरानी फर्में, जिनका इतिहास तीन-तीन पीढ़ियों तक फैला हुआ है, इस हादसे में तबाह हो गईं। “हटिया खुली बजाजा बंद, झाड़े रहो कलक्टरगंज” जैसी कहावतें अब तंज बनकर रह गई हैं।

विनोद टंडन बताते हैं कि 19 अक्टूबर 1866 को इस मंडी की शुरुआत हालसी साहब गल्ला बाजार के रूप में हुई थी। बाद में इसका नाम कलक्टरगंज पड़ा। मंगलवार की यह भयावह दोपहर मानो उस पूरी विरासत को निगल गई। मंडी के चारों तरफ की सड़कों से होती हुई आग ने कई दुकानों और गोदामों को अपनी चपेट में ले लिया।

कितना हुआ नुकसान?
किराना, रुई, बारदाना, ट्रांसपोर्ट और केमिकल कारोबार से जुड़ी करीब 300 से ज्यादा दुकानों और गोदामों में करोड़ों का नुकसान हुआ। सुंदरलाल एंड संस जैसे 100 साल पुराने प्रतिष्ठान में खटाई, धनिया, सौंफ-जीरे जैसे माल का लगभग दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यहां चार परिवारों की आजीविका जुड़ी थी, जिनका सबकुछ खत्म हो गया।

कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार हैं:

  • अरविंद एंड कंपनी के गोदाम में रुई जलकर 2 करोड़ रुपये का नुकसान

  • विवेक उद्योग को 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान

  • दीपक गुप्ता की किराना दुकान में करीब 1 करोड़ का नुकसान

  • 1.5 करोड़ रुपये के वाहन जलकर राख हुए

  • बालाजी, लखदातार व विंध्यवासिनी ट्रांसपोर्ट कंपनी को 20-20 लाख का नुकसान

  • 80 दुकानों व गोदामों में 5 से 10 लाख का नुकसान

  • 150 दुकानों में 50 हजार से 1 लाख रुपये के बीच नुकसान

आग बुझाने में छह घंटे तक जूझती रही प्रशासनिक मशीनरी
आग लगते ही मंडी क्षेत्र की बिजली आपूर्ति तत्काल बंद कर दी गई। इसके चलते लगभग 20,000 घरों और दो दर्जन बाजारों में घंटों बिजली गुल रही। जब फायर ब्रिगेड की टीमें आग बुझा रही थीं, उसी दौरान दोबारा स्पार्किंग से शाम को फिर तीन घंटे बिजली आपूर्ति ठप हो गई।

रिहायशी इलाकों में फैलती तो होता बड़ा हादसा
कलक्टरगंज मंडी के आसपास रिहायशी क्षेत्र, चीनी-गुड़ मंडी, घी-तेल, नारियल-जूट, केमिकल और तिरपाल की दुकानें हैं। यदि आग इन तक पहुंचती तो नुकसान और भयावह होता। यह मंडी करीब 73 चेकों में विभाजित है और इसमें एक हजार से अधिक दुकानें हैं।

हमराज कांप्लेक्स की यादें फिर हुईं ताजा
हादसे ने लोगों को एक बार फिर 30-31 मार्च 2023 की रात कोपरगंज के हमराज कांप्लेक्स की आग की याद दिला दी, जिसमें 570 व्यापारियों की 1100 दुकानें जलकर खाक हो गई थीं और लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। लोग उस आघात से उबर भी नहीं पाए थे कि एक और भीषण त्रासदी ने उन्हें झकझोर दिया।

इस बार की आग ने सिर्फ कारोबार नहीं जलाया, बल्कि व्यापारी समाज की आत्मा को गहरी चोट दी है। स्थायी दुकानों की मांग, सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक फायर सिस्टम की आवश्यकता अब और अधिक मुखर हो गई है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments