Saturday, August 2, 2025
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National Paper Day: दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता का संदेश लेकर मनाया गया पेपर डे

National Paper Day: दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता का संदेश लेकर मनाया गया पेपर डे

भारत में हर वर्ष 1 अगस्त को राष्ट्रीय कागज दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर दिल्ली स्थित पेपर मर्चेंट्स एसोसिएशन (रजि.) द्वारा “नेशनल पेपर डे” का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें पेपर उद्योग से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति में कागज़ के महत्व और पर्यावरण पर इसके सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद स्थानीय स्कूल के छात्रों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने उपस्थित जनसमूह को कागज़ के विविध उपयोग और इसके प्रति व्याप्त भ्रांतियों को समझाने का कार्य किया। छात्रों की यह प्रस्तुति विशेष रूप से प्रभावशाली रही, क्योंकि उन्होंने सरल भाषा और नाटकीय शैली में बताया कि कागज़ का उपयोग पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं, बल्कि लाभदायक है।

इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में पवन अग्रवाल, प्रबंध निदेशक – नेनी पेपर मिल्स लिमिटेड एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष – इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IPMA) उपस्थित रहे। साथ ही शाहदरा जोन के डिप्टी चेयरमैन राजू सचदेवा, उदित विहार के निगम पार्षद रमेश गर्ग, और अनेक पेपर मर्चेंट्स की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जोर देकर कहा कि “कागज़ प्रकृति का सच्चा साथी है।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आम धारणा के विपरीत कागज़ का निर्माण सार्वजनिक वनों की कटाई से नहीं होता, बल्कि इसके लिए विशेष रूप से उगाए गए पेड़ों का उपयोग किया जाता है। इस वृक्षारोपण की प्रक्रिया न केवल पर्यावरण के संरक्षण में सहायक है, बल्कि यह लाखों किसानों को रोजगार भी प्रदान करती है।

पेपर मर्चेंट्स एसोसिएशन हर साल “पेपर डे” के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम, स्कूलों में जागरूकता अभियान और सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारण के माध्यम से जनता में यह संदेश पहुंचाता है कि कागज़ का उपयोग बिना अपराधबोध के किया जा सकता है।

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि भारत का कागज़ उद्योग स्वयं हरित पहल का बड़ा हिस्सा बन चुका है। एसोसिएशन का यह मानना है कि जब तक कागज़ से जुड़े तथ्यों की सही जानकारी समाज तक नहीं पहुंचेगी, तब तक इसके उपयोग को लेकर भ्रम बना रहेगा। इसलिए, उनका लक्ष्य यह है कि वे अधिक से अधिक लोगों तक कागज़ के महत्व और उसके पर्यावरणीय फायदों को पहुंचाएं।

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