Sunday, August 3, 2025
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Himachal Monsoon Tragedy: हिमाचल में कुदरत का कहर जारी: अब तक 85 मौतें, 34 लापता, 129 घायल; राज्य को 739 करोड़ का नुकसान

Himachal Monsoon Tragedy: हिमाचल में कुदरत का कहर जारी: अब तक 85 मौतें, 34 लापता, 129 घायल; राज्य को 739 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश इस समय प्रकृति की भीषण मार झेल रहा है। 20 जून से अब तक लगातार हो रही मूसलाधार बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और नदियों के उफान ने पूरे राज्य को आपदा की गिरफ्त में ले लिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक वर्षाजनित हादसों में 85 लोगों की जान जा चुकी है, 34 लोग अब भी लापता हैं और 129 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा राज्य को अब तक कुल 739 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है—जिसमें सरकारी भवनों, सड़कों, बिजली और जलापूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं भी शामिल हैं।

राजधानी शिमला सहित अधिकांश हिस्सों में रुक-रुक कर भारी बारिश का सिलसिला बना हुआ है। सिरमौर जिले के गिरी जटोन डैम से भी पानी छोड़ा गया है, जिससे क्षेत्र की नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने मैदानी इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में रातभर बारिश के चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।

204 सड़कें बंद, पेयजल और बिजली सेवा चरमराई

अब तक राज्य में एक नेशनल हाईवे समेत कुल 204 सड़कें बंद हो चुकी हैं। 192 बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप हैं और 740 पेयजल योजनाएं पूरी तरह प्रभावित हुई हैं। मंडी, सिरमौर और कांगड़ा जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मंडी में 138 सड़कें, 124 ट्रांसफार्मर और 137 पेयजल योजनाएं अब भी बहाल नहीं हो पाई हैं। वहीं सिरमौर के नाहन क्षेत्र में 38 सड़कें बंद हैं। कांगड़ा जिले में 14 सड़कें और 603 जल योजनाएं प्रभावित हैं, जिसमें अकेले धर्मशाला उपमंडल में 466 जल योजनाएं ठप हैं।

बादल फटने की घटनाएं बनी तबाही की वजह

30 जून की रात मंडी जिले में बादल फटने की घटनाओं ने अभूतपूर्व तबाही मचाई। अकेले मंडी में 20 लोगों की जान जा चुकी है और 27 लापता हैं। 409 घर और 203 दुकानें पूरी तरह से धराशायी हो चुकी हैं जबकि 732 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। पूरे प्रदेश में 431 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं, जबकि 922 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। इसके अलावा 223 दुकानें और 877 पशुशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं।

भविष्य में और भी बारिश का खतरा

मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। सिरमौर के धौलाकुआं में 168 मिमी, बिलासपुर में 120 मिमी, मनाली में 46 मिमी और जुब्बड़हट्टी में 44 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। विभाग ने 12 से 16 जुलाई के बीच फिर से भारी वर्षा की चेतावनी दी है।

सरकारी विभागों को भारी नुकसान

अब तक के आकलन के अनुसार, अकेले जलशक्ति विभाग को 402 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 318 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं, क्योंकि कई इलाकों तक अब भी राहत दल नहीं पहुंच पाए हैं।

राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन भूस्खलन और खराब मौसम की वजह से राहत कार्यों में बाधा आ रही है। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में जुटी हैं, वहीं हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है।

हिमाचल में मानसून की यह तबाही एक चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में हमें सतर्क और संरचनात्मक रूप से तैयार रहने की ज़रूरत है। राज्य को फिर से पटरी पर लाने में वक्त लगेगा, लेकिन फिलहाल प्राथमिकता जीवन बचाना और प्रभावित लोगों को तुरंत मदद पहुंचाना है।

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