Tuesday, August 5, 2025
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Old Faridabad Railway Station: ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर दर्दनाक हादसा, बेसमेंट खुदाई के दौरान मिट्टी ढही, दो महिला मजदूरों की मौत

Old Faridabad Railway Station: ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर दर्दनाक हादसा, बेसमेंट खुदाई के दौरान मिट्टी ढही, दो महिला मजदूरों की मौत

फरीदाबाद के ओल्ड रेलवे स्टेशन के समीप शनिवार को एक दर्दनाक और भयावह हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। स्टेशन के नजदीक एक निर्माणाधीन इमारत की बेसमेंट खुदाई के दौरान मिट्टी का बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया, जिसकी चपेट में आकर दो महिला मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब निर्माण स्थल पर काम पूरे जोरों पर था और मजदूर गहराई में बेसमेंट के भीतर कार्य कर रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बेसमेंट खुदाई के समय वहां सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। ना तो मिट्टी को ढहने से रोकने के लिए कोई सहारा लगाया गया था, और ना ही वहां पर किसी प्रकार का सुरक्षा कवच मौजूद था। जैसे ही मिट्टी ढही, भारी शोर और धूल के गुबार के बीच मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों ने साहस दिखाते हुए तुरंत मिट्टी हटाने की कोशिश की और राहत कार्य शुरू कर दिया, लेकिन तब तक दोनों महिलाएं गहराई में दब चुकी थीं।

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं। नगर निगम के अधिकारी, राहत एवं बचाव दल तथा एंबुलेंस सेवा को भी तुरंत बुलाया गया। राहत कर्मियों ने भारी मशक्कत के बाद दोनों महिलाओं को बाहर निकाला, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने पुष्टि की है कि वे दिहाड़ी मजदूर थीं और निर्माण स्थल पर ठेकेदार के माध्यम से काम कर रही थीं।

प्रशासन ने इस गंभीर हादसे का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य को रुकवा दिया है। पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं और निर्माण कार्य से जुड़े लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि खुदाई के दौरान न तो कोई इंजीनियरिंग पर्यवेक्षण था, और न ही मिट्टी के ढहने से रोकने के लिए कोई तकनीकी प्रबंध किए गए थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और ठेकेदार की गैर-जिम्मेदारी का परिणाम है। क्षेत्रीय पार्षद और समाजसेवी संगठनों ने भी इस घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इस दुखद घटना ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां सरकारें मजदूर कल्याण की बात करती हैं, वहीं जमीनी स्तर पर सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह हादसा एक चेतावनी है कि अगर निर्माण स्थलों पर सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो इस प्रकार की घटनाएं फिर से दोहराई जा सकती हैं।

प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपें। हादसे के बाद इलाके में शोक की लहर है और मृतक महिलाओं के परिवार को प्रशासन की ओर से सहायता राशि देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

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