Prajwal Revanna Rape Case: पूर्व पीएम के पोते प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा, रेप मामले में कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना
बेंगलुरु की विशेष अदालत ने जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को एक सनसनीखेज यौन शोषण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें एक 48 वर्षीय घरेलू सहायिका से बार-बार बलात्कार करने और इस घिनौनी हरकत का वीडियो रिकॉर्ड करने का दोषी पाया। मामला होलेनरसिपुरा ग्रामीण पुलिस थाने में दर्ज हुआ था। कोर्ट ने न केवल उम्रकैद की सजा दी, बल्कि रेवन्ना पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और पीड़ित महिला को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह मामला उस समय सामने आया जब अप्रैल 2024 में हासन जिले में 2,000 से अधिक कथित अश्लील वीडियो की एक पेन ड्राइव वायरल हो गई। इन वीडियो में कई महिलाओं के साथ प्रज्वल के आपत्तिजनक दृश्य पाए गए। इसके बाद पुलिस और विशेष जांच दल (SIT) ने कार्रवाई शुरू की और मई 2024 में उन्हें गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी तब हुई जब वह लोकसभा चुनावों से ठीक पहले देश छोड़कर जर्मनी भाग गए थे, लेकिन 31 मई को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उनकी गिरफ्तारी हो गई।
48 वर्षीय पीड़िता, जो रेवन्ना परिवार के गन्नीकदा स्थित फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी, ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान 2021 में प्रज्वल ने दो बार – हासन और बेंगलुरु में – उसके साथ जबरन संबंध बनाए और उन कृत्यों का वीडियो भी बनाया। SIT द्वारा दाखिल की गई 1,632 पन्नों की चार्जशीट में 26 से अधिक अहम सबूत शामिल थे, जिसमें फॉरेंसिक और डीएनए रिपोर्ट भी शामिल थीं। पीड़िता के कपड़ों पर पाए गए डीएनए साक्ष्य ने रेवन्ना के अपराध को और पुख्ता कर दिया।
इस केस की सुनवाई के दौरान प्रज्वल रेवन्ना ने अदालत में अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह पूरा मामला चुनाव के दौरान उछाला गया ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। लेकिन अदालत ने इन दलीलों को सबूतों के आधार पर सिरे से खारिज कर दिया। विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने 1 अगस्त को उन्हें दोषी करार दिया और आज अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
प्रज्वल रेवन्ना, जो कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच. डी. रेवन्ना के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं, पर यह पहला फैसला है। उन पर कुल चार मामले दर्ज हैं, और अदालत ने संकेत दिए हैं कि आने वाले महीनों में बाकी मामलों की सुनवाई भी तेज़ी से होगी।