RCB Victory Tragedy: RCB की जीत का जश्न बना मातम: चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 की मौत, दर्जनों घायल
बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न बुधवार को एक भयानक हादसे में बदल गया, जब एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों में एक महिला और दो पुरुषों की पहचान हुई है, जबकि अन्य की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
RCB ने आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद बेंगलुरु शहर में जश्न का माहौल था और टीम के स्वागत के लिए हजारों की संख्या में प्रशंसक सड़कों पर उमड़ पड़े। टीम के एयरपोर्ट पहुंचते ही भारी भीड़ जुटी और बाद में जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने के बाद टीम की विक्ट्री परेड का आयोजन चिन्नास्वामी स्टेडियम में तय हुआ, तब हालात बेकाबू हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, स्टेडियम के बाहर हजारों प्रशंसक एक साथ प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। गेट के पास भारी दबाव और धक्का-मुक्की के कारण कुछ लोग गिर पड़े और भीड़ के नीचे कुचल गए। इस दौरान मची अफरा-तफरी में कई लोग घायल हुए। घायल लोगों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
आपातकालीन सेवाएं मौके पर तैनात कर दी गई हैं। पुलिस और दमकल विभाग के साथ-साथ एंबुलेंस सेवा भी मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, भीड़ को संभालने में लापरवाही बरती गई और पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि वे स्थिति का जायजा लेने खुद मौके पर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयोजकों ने 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे, लेकिन बावजूद इसके भीड़ नियंत्रण में चूक हुई। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों की पहचान के बाद कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
आरसीबी के फैन्स के लिए यह जीत ऐतिहासिक थी, क्योंकि टीम ने 18 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आईपीएल ट्रॉफी जीती थी। लेकिन इस जश्न का अंत इतना भयावह होगा, इसकी किसी को कल्पना नहीं थी। यह हादसा आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की विफलता और जन सुरक्षा के प्रति लापरवाही की गंभीर मिसाल बन गया है।
अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए पर्याप्त तैयारी की गई थी? क्या आयोजकों और प्रशासन ने किसी आपात स्थिति से निपटने की योजना बनाई थी? यह घटना न केवल बेंगलुरु, बल्कि देशभर के आयोजकों के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा और व्यवस्था की अनदेखी किस तरह जश्न को मातम में बदल सकती है।