Tuesday, August 5, 2025
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Red Fort Security Breach: 15 अगस्त से पहले लाल किले की सुरक्षा में बड़ी चूक, 6 बांग्लादेशी गिरफ्तार

Red Fort Security Breach: 15 अगस्त से पहले लाल किले की सुरक्षा में बड़ी चूक, 6 बांग्लादेशी गिरफ्तार

दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थलों में शामिल लाल किला, जहां हर वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, वहां सुरक्षा के अभेद्य इंतजामों के बीच उस समय हड़कंप मच गया जब छह बांग्लादेशी नागरिकों को संदिग्ध परिस्थितियों में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया गया। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील मानी जा रही है और इससे सुरक्षा एजेंसियों में चिंता की लहर दौड़ गई है।

जानकारी के अनुसार, लाल किले को स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही एक महीने के लिए आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद रविवार को छह संदिग्ध लोग जबरन परिसर में घुसने की कोशिश करते पाए गए। ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा बलों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया और पूछताछ शुरू कर दी।

पूछताछ के दौरान ये सभी अपनी पहचान छुपाने की कोशिश करते रहे, लेकिन भाषा और हावभाव से सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ। बाद में जब सख्ती से पूछताछ की गई तो इन सभी ने खुद को बांग्लादेश का नागरिक बताया। उनके पास कोई वैध भारतीय दस्तावेज नहीं पाए गए। इसके बाद सभी को स्थानीय कोतवाली थाने लाया गया, जहां गहन पूछताछ की जा रही है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि ये सभी भारत में कैसे घुसे, इतने समय से कहां रह रहे थे और लाल किले के पास आने का उद्देश्य क्या था। जांच में यह भी सामने आया है कि ये लोग बीते तीन महीनों से दिल्ली के सरोजिनी नगर क्षेत्र में रहकर मजदूरी का काम कर रहे थे। हालांकि, स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले इस तरह की घुसपैठ को केवल संयोग मान लेना आसान नहीं है।

सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि कहीं इन लोगों के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है। क्या ये किसी संगठन के संपर्क में थे, या सिर्फ अवैध रूप से काम की तलाश में भारत आए थे — यह सब जांच का विषय है। एजेंसियां उनकी पृष्ठभूमि खंगालने में जुटी हैं और मोबाइल, संपर्क सूत्रों व अन्य डिजिटल माध्यमों की भी जांच की जा रही है।

अगर पूछताछ में किसी आपराधिक या आतंकी साजिश के संकेत नहीं मिलते, तो इन सभी को विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई कर बांग्लादेश डिपोर्ट किया जाएगा। लेकिन तब तक इन सभी को हिरासत में रखकर पूछताछ और निगरानी की जा रही है।

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