Sunday, August 3, 2025
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Bhadrak violence: ओडिशा के भद्रक में दो समुदायों के बीच झड़प से तनाव, एक युवक की मौत के बाद इंटरनेट सेवा बंद, भारी पुलिस बल तैनात

Bhadrak violence: ओडिशा के भद्रक में दो समुदायों के बीच झड़प से तनाव, एक युवक की मौत के बाद इंटरनेट सेवा बंद, भारी पुलिस बल तैनात

ओडिशा के भद्रक जिले में दो समुदायों के बीच उपजे तनाव ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया, जब पिछले महीने हमले में घायल एक युवक की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। मृतक की पहचान संतोष परीदा के रूप में हुई है, जो 30 मई को पशु तस्करों के हमले में गंभीर रूप से घायल हुआ था। सोमवार देर रात उसकी मौत की खबर जैसे ही भद्रक जिले में फैली, खासकर कश्ती, देउला और जयपुर इलाकों में भारी तनाव फैल गया।

पुलिस प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए मंगलवार सुबह 6 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इसके साथ ही शांति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 27 प्लाटून पुलिस बल की तैनाती की गई है। नव नियुक्त भद्रक एसपी मनोज राउत खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने जनता से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है।

घटना की पृष्ठभूमि में 30 मई की उस झड़प का जिक्र जरूरी है, जब तिहड़ी थाना क्षेत्र में पशु तस्करी को लेकर संतोष परीदा और एक अन्य समुदाय से जुड़े 20 से अधिक लोगों के बीच विवाद हो गया था। आरोप है कि पशु तस्करों के समूह ने संतोष पर जानलेवा हमला किया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे पहले भद्रक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में हालत बिगड़ने पर भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जहां इलाज के दौरान सोमवार रात उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। विश्व हिंदू परिषद समेत कई संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आज दोपहर भद्रक जिलाधीश कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस दुखद घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक संतोष परीदा के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। पुलिस अब तक इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि अन्य की तलाश में छापेमारी जारी है।

भद्रक जिले की पहचान पहले से ही दो समुदायों के बीच संवेदनशील क्षेत्र के रूप में रही है। बार-बार तनाव और दंगे की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने भद्रक के तत्कालीन एसपी का तबादला कर मनोज राउत को नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया है।

स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राज्य सरकार की कोशिश है कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके, लेकिन इंटरनेट सेवा बंद होने और भारी पुलिस तैनाती से साफ है कि हालात अभी नियंत्रण की कगार पर हैं। आने वाले 24 घंटे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होंगे।

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