Saturday, August 2, 2025
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Women Empowerment India: नारी सशक्तिकरण: विकसित भारत की ओर दृढ़ कदम

Women Empowerment India: नारी सशक्तिकरण: विकसित भारत की ओर दृढ़ कदम

नई दिल्ली में 31 जुलाई 2025 को आयोजित एक भव्य और प्रेरणादायक राष्ट्रीय कार्यक्रम ने “नारी सशक्तिकरण से सशक्त भारत: विकसित भारत की ओर” विषय को नई ऊर्जा और गहराई से देश के सामने प्रस्तुत किया। यह आयोजन डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में सम्पन्न हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में विद्यार्थियों, शिक्षकों, महिला पेशेवरों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, उद्यमियों और समाजसेवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य केवल एक विषय पर चर्चा करना नहीं था, बल्कि एक ऐसे विचार को साकार करना था, जो भारत को सशक्त, समावेशी और विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित कर सके।

इस प्रेरणादायक संगोष्ठी का उद्घाटन लोकसभा सांसद श्री लुंबराम चौधरी (जालोर-सिरोही, राजस्थान), माननीय सांसद श्रीमती बिजुली कलिता मेधी (गुवाहाटी, असम) और सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े (छत्तीसगढ़) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषणों में नारी शक्ति के विविध स्वरूपों को उजागर करते हुए इस बात पर बल दिया कि महिलाओं को समान अवसर देने से ही समाज और राष्ट्र का सर्वांगीण विकास संभव है।

कार्यक्रम का समापन केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री श्रीमती निमुबेन जयंतीभाई बामनिया की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए नारी सशक्तिकरण को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बताया। उनके शब्दों ने इस विचार को और मजबूती दी कि जब तक समाज की आधी आबादी को प्रगति में भागीदार नहीं बनाया जाएगा, तब तक कोई भी देश सच्चे अर्थों में विकसित नहीं कहलाया जा सकता।

इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि यह केवल मंचीय भाषणों तक सीमित नहीं था। आयोजन स्थल पर अनेक प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें तकनीकी नवाचार, सामाजिक सुधार की पहल, महिला नेतृत्व की कहानियाँ और सरकारी योजनाओं की प्रगति को प्रदर्शित किया गया। इन स्टॉलों ने आगंतुकों को न केवल जानकारी दी, बल्कि उन्हें प्रेरित भी किया कि वे स्वयं भी अपने क्षेत्र में प्रभावशाली परिवर्तन ला सकते हैं।

संगोष्ठी में शामिल प्रमुख संस्थानों में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP), तमिलनाडु बागवानी विकास एजेंसी (TANHODA), सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन सिद्धा (CCRS), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE), नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (GSI), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFRA) शामिल थे। इन संस्थानों ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को उजागर किया।

इस आयोजन को सफल बनाने में निजी और सरकारी संस्थाओं का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा। Firefox ने गोल्ड स्पॉन्सर के रूप में, GAIL (India) Ltd., श्रीलालमहल ग्रुप और TANHODA ने सिल्वर स्पॉन्सर के रूप में योगदान दिया। वहीं NEEPCO, पावर ग्रिड, एलआईसी, टी बोर्ड इंडिया, सरताज जन सेवा, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी और HPCL जैसे संस्थान भी आयोजन के लोगो स्पॉन्सर रहे।

कार्यक्रम के दौरान एक साझा भावना बार-बार सामने आई – यह केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि एक सतत आंदोलन है। सभी उपस्थित लोगों से अपील की गई कि वे इस अनुभव और इसके संदेश को अपने घरों, कार्यस्थलों और समुदायों तक ले जाएं। नारी सशक्तिकरण की यह यात्रा तभी सफल हो सकती है जब हर नागरिक इसे अपना उत्तरदायित्व माने।

यह आयोजन एक प्रतीक बन गया है उस भारत का, जो अपनी आधी आबादी को अधिकार, सम्मान और अवसर देकर न केवल मजबूत बनना चाहता है, बल्कि समावेशी विकास की ओर बढ़ते हुए एक विकसित राष्ट्र की नींव भी रखना चाहता है।

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